लिखो, लिखो, कुछ तो लिखो !

ब्लॉग लिखने का बहुत बार मन किया। पर हर बार सवाल एक ही रहता कि क्या लिखूं? विषय मिल जाये, तो अगला सवाल कि कहां से शुरू करूं? फिर, किस भाषा में लिखूं? दिल की भाषा हिंदी है, लेकिन रौब तो अंग्रेजी का है। या कि हम अंग्रेजी जानते हैं तो हिंदी में क्यों लिखें? इस कशमकश में न जाने कितने प्रतिभाशाली लोग लेखक नहीं बन पाये। या उनके मन की बातें मन ही में रह गयीं। वे दुनिया से चले गये और अपने पीछे अपना कोई अनुभव नहीं छोड़ गये। 
"Hundreds of topics are all around us to write upon," I told my daughter. 
ऐसी गलती मैं क्यों करूं? मैं तो जन्मजात पत्रकार हूं। लेखक होने का सपना रखता हूं। पेशे से भी एक लेखक ही हूं। लेकिन अखबार की नौकरी करते हुए लिखना और खुद की खुशी के लिए लिखना दोनों अलग बातें हैं। खुद के लिए या अपने ब्लॉग के लिए लिखना एक अनुशासन का काम है। कोई डंडा लेकर नहीं खड़ा है सिर पर। नौकरी में तो प्रेशर रहता है- बॉस का। कैरियर का। डेडलाइन का। और, लालच रहता है- सम्मान का। तनख्वाह का। रुतबे का।

आज बेटी ने यही सवाल दाग दिया। ब्लॉग लिखना है। किस लाइन पर लिखूं? विषय क्या रखूं? कहां से शुरू करूं? तब याद आया एक वरिष्ठ लेखक का फॉर्मूला। वर्षों पहले हमने उनसे यही सवाल पूछा था। और, उन्होंने हवा में दोनों हाथ लहराते हुए तपाक से जवाब दिया था- 'नरविजय, विषय तो हमारे चारों ओर फैले पड़े हैं। किसी भी विषय पर लिखो। कहीं से भी शुरू कर दो।' 

लिखने के मामले में सबसे बड़ी बात है- लिखना। लेखन के बारे में बात बहुत की जाती है। जबकि जरूरी यह है कि बात न की जाये, लिखा जाये। रोज लिखा जाये। लगातार लिखा जाये। हर विषय पर लिखा जाये। बेहिसाब लिखा जाये। लिखने का मतलब है अपनी छाप छोड़ते जाना। अगली पीढिय़ों के साथ अपने अनुभव साझा करना। दूर देशों में बैठे लोगों तक भी अपनी बात पहुंचाना। सोशल मीडिया ने यह सब पहले ही आसान कर दिया है। 

बेटी को भी मैंने यही सलाह दी कि शुरू तो करो। रिहर्सल ही समझो। दोस्तों से फोन पर जो बोलते कहते हो, वही सब लिखो। उसमें से नितांत व्यक्तिगत चीजें छोड़ दो, बाकी सब लिख सकते हो। हां, किसी की निजी बात मत लिखो। किसी के बारे में आपत्तिजनक कुछ न लिखो। अच्छा प्रभाव छोडऩे वाली बातें लिखो। अपने अनुभव लिखो। मन में चल रहे विविध विचार लिखो। फिल्म देखी तो उसके बारे में लिखो। कुछ नया खाया, खरीदा या सुना तो उसके बारे में लिखो। खबरों को लेकर मन में कुछ आ रहा हो तो उस पर अपनी प्रतिक्रिया लिखो। अपने विचार लिखो। सब कुछ लिखो। लिखो, लिखो, कुछ तो लिखो। 

narvijayindia@gmail.com

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