फिर तो हिंदी की गंगा बहेगी

हिंदी के लिए एक अच्छी खबर है। हमारे प्रधानमंत्री जी हिंदी में बोलते हैं। अब लगता है कि राष्ट्रपति भी हिंदी में भाषण दिया करेंगे। केंद्र सरकार के अनेक मंत्री हिंदी में बात करते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी की हिंदी तो लाजवाब है। एकदम संस्कृतनिष्ठ, शुद्ध हिंदी। सुन कर आनंद की अनुभूति होती है। वहां के पिछले दोनों मुख्यमंत्री हिंदी बोलते तो थे, लेकिन देहाती लहजे में। मायावती तो एक-दो लाइन भी बिना पढ़े नहीं बोल पाती हैं। मुलायम सिंह की हिंदी माशा अल्लाह। शब्द गोल-गोल होकर उनके मुंह में ही कुश्ती लड़ते रहते थे।  


दरअसल, आधिकारिक भाषाओं पर संसद की समिति ने हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए 117 सिफारिशें की थीं। छह साल बाद, इनमें से कुछ अब अमल में आने की संभावना बनती दिख रही है। राष्ट्रपति ने कई सिफारिशों पर अपनी सहमति जता दी है। यदि यह निर्णय लागू हो गया तो सरकारी कामकाज में हिंदी का दबदबा बढ़ेगा। नेता और अधिकारियों के लिए हिंदी में लिखना-बोलना अनिवार्य हो जायेगा। होना भी चाहिए। हिंदी हमारी राजकीय भाषा है। देश का बड़ा तबका हिंदी में ही अपनी बात कहता-सुनता है। 

मेरा तो मानना है कि कम ज्ञान रखने वाले लोग अंग्रेजी की आड़ में अपनी कमजोरी छिपाते हैं। हिंदी में बोलेंगे तो पोल खुल जायेगी। अंग्रेजी झाड़ेंगे तो आधों को तो उनकी बात समझ ही नहीं आयेगी। पिछली कांग्रेसी सरकार में अधिक नेता व मंत्री ऐसे ही थे। उनका काम शोर मचाकर मैडम की जान बचाना होता था। हालांकि, अकेले में वे सब हिंदी में ही बतियाते हैं। बॉलीवुड के कुछ एक्टर्स का भी यही हाल है। खाएंगे हिंदी का, बजाएंगे अंग्रेजी का। ऋतिक रोशन, कैटरीना कैफ इसी श्रेणी में आते हैं। इस मामले में अमिताभ बच्चन सुपर हैं। अच्छी हिंदी। अच्छी बात करते हैं।

सिफारिशों में यह भी है कि एयर इंडिया के विमानों में हिंदी की पत्रिकाएं और अखबार अधिक होने चाहिए। बाजार में मिलने वाले उत्पादों पर हिंदी में भी जानकारी दी हो। अब देखना यह है कि सरकारी स्तर पर अभी जो कठिन हिंदी प्रयोग हो रही है, वो आगे न हो। ऐसे शब्द प्रयोग किये जाते हैं जो चलन में नहीं हैं। या जिनको हिंदी भाषी लोग ही नहीं जानते। उदाहरण के लिए, रोडवेज की बसों में लिखा होता है- 'परिवाद पुस्तिका परिचालक के पास उपलब्ध है'। कितने लोग 'परिवाद पुस्तिका' का अर्थ समझते हैं। लिखना यह चाहिए कि- 'शिकायत पुस्तिका कंडक्टर के पास है'। बोलचाल के शब्दों को अधिक प्रयोग करना चाहिए। कोई नया और कठिन हिंदी शब्द प्रयोग करना ही पड़े तो उसका अर्थ स्पष्ट करते चलें। 

Contact: Narvijay Yadav
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