प्रधानमंत्री के नाम बेघर डॉग्स का एक खुला पत्र
प्रिय प्रधानमंत्री जी, आप हमारे भी अभिभावक हैं। हम वोट भले न डाल पाते हों, लेकिन संविधान ने हमें जीवन का अधिकार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली सहित कई राज्यों के उच्च न्यायालयों ने हमारे हक में अनेक फैसले भी सुनाये हैं। बावजूद इसके, हाल के वर्षों में हम भूखे-प्यासे मर रहे हैं और हमारा जीवन संकट में है। आशा है, आप हमारी व्यथा पर ध्यान देंगे। जानवरों पर अत्याचार संबंधी कानून पुराने हो चुके हैं। 1960 में बने कानूनों में संशोधन कर उन्हें अत्यधिक कठोर बनाने की आवश्यकता है। हमें मारने वालों की सजा पांच साल से बढ़ा कर 15 साल होनी चाहिए। बाकी जानवरों और हममें एक बड़ा फर्क है। अन्य जानवरों को आप जंगल में छोड़ सकते हो, लेकिन अपने भोजन-पानी और संरक्षण के लिए हम पूरी तरह से मनुष्यों पर ही आश्रित हैं। हम एक निश्चित इलाके में ही रहते हैं। उससे बाहर निकलते ही हमारे साथी ही हम पर हमला कर देते हैं। हम अपने इलाके के घरों से मिलने वाली खुराक पर ही जीवित रहते हैं। अब वो भी नसीब नहीं हो रही है। शहरीकरण और सडक़ों के विस्तार ने हमारा जीवन संकट में डाल दिया है। न हमारे बैठने का ठिकाना