डैडी, ये वायरस दिमाग पर असर डालता है। यह एक माइंड गेम है और इसमें आपको जीतना है।


कोविड ने मेरे फेफड़े 98 प्रतिशत तक डेमेज कर दिये थे, जिसका मेडिकल कॉलेज, चंडीगढ़-32 के मेन आईसीयू में लंबा इलाज चला, तीन महीने तक ऑक्सीजन लगी रही, तब जान बच पायी। पूरे समय सबको यही चिंता रहती थी कि ऑक्सीजन का लेवल ठीक है या नहीं। पूरा इलाज बेटी खुशबू की देखरेख में हुआ। मुझे खुश देखने और मेरा ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए जब भी मौका मिलता, बेटी मेरे मोबाइल पर शकीरा या बोनी-एम के वीडियो प्ले कर देती थी। दोनों ही मेरे फेवरिट हैं, लेकिन शकीरा का जबर्दस्त फैन हूं। 

जब मैं कोरोना से संघर्ष कर रहा था, तब खुशबू ने मुझे बार-बार चेताया था कि 'डैडी, ये वायरस दिमाग पर असर डालता है, खौफ पैदा करता है। यह एक माइंड गेम है और इसमें आपको जीतना है।' मैं ईश्वर पर भरोसा रखे रहा। इंजेक्शन लगते तब भी भगवान शिव का स्मरण करता, जिससे मुझमें अपार ऊर्जा आ जाती थी। बाॅलीवुड सिंगर Mika Singh के भेजे वाॅयस नोट्स भी अक्सर सुनता था, जिसमें उन्होंने कहा था: "आप हमारे बब्बर शेर हो और जल्दी ठीक होकर वापस आओगे।" 

इलाज के दौरान मैं अच्छा संगीत बराबर सुनता रहा। सकारात्मक सोच, ईश्वर पर भरोसा, डाॅक्टरों की प्रशंसनीय देखभाल, दोस्तों की दुआ, फैमिली सपोर्ट और खुशकिस्मती से मैं लगभग 90% स्वस्थ हो चुका हूं। कुछ ही दिनों में फिर से उड़ता नज़र आऊंगा! सभी साथियों का शुक्रिया!

- नरविजय यादव


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बदायूं का पेड़ा जो छह महीने तक फ्रेश रहता है

शानदार रहा न्यूज इंडस्ट्री में 33 वर्षों का सफर

सोशल मीडिया पर रुतबा कायम रखना आसान नहीं