चलो साथ चलते हैं
सतारा* खिसक लिया
अठारह आ गया
धीमा था वो साल
मंथर गति
धीमी प्रगति
आर्थिक मोर्चे पर विफल
प्रदूषण में अव्वल
जीएसटी का जाल
बाजार बेहाल
प्याज-टमाटर लाल
रेल हादसे
बाबाओं के जंजाल।
दस साल बीत गये
दुनिया की मंदी को
सुना है अब कुछ होगा
वक्त बदलेगा
डॉलर दौड़ेगा
रुपया भी चलेगा।
एक जनवरी शुरू है
दिन सोमवार है
दस बज गये
कोहरा बरकरार है
ऐसा ही चलेगा
खास नहीं बदलेगा
बादशाह जो भी बोले
देश को बुखार है।
चलो साथ चलते हैं
एक-एक कदम बढ़ते हैं
उम्मीद पर दुनिया कायम है
यही सोचकर
गहरी सांस लेकर
फिर हिम्मत करते हैं
नये साल को नये जज्बे से
दिल से सलाम करते हैं।
(* पंजाब में सत्रह को सतारा बोलते हैं)
Email: narvijayindia@gmail.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें