योगा फेस्टिवल को सस्ता, सुलभ और व्यापक करने की जरूरत

ऋषिकेश में वार्षिक इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल 1 मार्च को शुरू हो गया। एक सप्ताह चलने वाला यह उत्सव दो-तीन अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होता है। 

राजनेताओं एवं विदेशियों की उपस्थिति के चलते परमार्थ निकेतन का फेस्टिवल अधिक चर्चा में रहता है। हालांकि, उत्तराखंड सरकार का पर्यटन विभाग इसे अपने 'गंगा रिसॉर्ट' में आयेाजित करता है। इस बार, होटल 'योग वशिष्ठ' में भी एक लघु आयोजन किया गया है। पिछले कई वर्षों से सक्रिय रहा होटल 'गंगा किनारे' इस बार दौड़ से बाहर है। 

Time to Prayer.  (Photo: Parmarth Niketan)

परमार्थ निकेतन की वेबसाइट पर रेट लिस्ट नहीं दी गयी है। हालांकि, यहां भारतीयों से प्रति व्यक्ति कम से कम रु. 10,000 और विदेशियों से प्रति व्यक्ति रु. 50,000 या अधिक लिये जाते हैं। आश्रम का कमरा, भोजन एवं योग कक्षाओं में भागीदारी इस शुल्क में शामिल है। सरकारी आयोजन में प्रतिदिन रु. 1,000 फीस देकर सिर्फ कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है। रहने का शुल्क अलग से है, जो रु. 7,500 से लेकर रु. 16,000 तक के पैकेज के रूप में मिलता है। 

The participants at International Yoga Festival 2017.  (Photo courtesy: Parmarth Niketan, Rishikesh)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये परमार्थ निकेतन के कार्यक्रम को संबोधित किया और योग को 'मैं से हम की यात्रा' का नाम दिया। 

अच्छा हो यदि इन कार्यक्रमों में भाग लेने का शुल्क कम रखा जाये, ताकि अधिकाधिक लोग योग का लाभ ले सकें। ऐसे आयोजनों से जन-स्वास्थ्य अच्छा होने के साथ-साथ राज्य में पर्यटन की संभावनाएं भी विकसित होती है। इसीलिए इस आयोजन को सस्ता, सुलभ और व्यापक करने की जरूरत है।

लेखकीय संपर्क सूत्र :
narvijayindia@gmail.com /  twitter @NarvijayYadav 

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