समंदर की लहरों पे ज़िन्दगी
मैदान के लोग रोजमर्रा की ज़िन्दगी में समंदर की विशालता और उसकी मस्ती के बारे में उतना नहीं जानते जितना की बोम्बे के लोग समझ पाते हैं. मैं जब भी मुंबई जाता हूँ तो समंदर में कुछ वक़्त बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ता. पिछली बार मैं अपने कुछ बिसनेस फ्रेंड्स के साभ जुहू के एक शानदार होटल में रुका था. कामकाज से फुर्सत मिलने पर मैंने एलिफेंटा केव्स चलने का प्रस्ताव रखा तो सब ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गए.
गेटवे ऑफ इंडिया से हमने मोटरबोट ली और हो लिए सवार समंदर की लहरों पे. एलिफेंटा केव्स मुंबई से कुछ किलोमीटर की दूरी पर हैं. यह एक पर्यटन स्थल है जहां प्रतिदिन भारी संख्या में सैलानी पहुँचते हैं. हमारे पास समय कम था इसलिए वहाँ घूमने की बजाय हम तत्काल ही वापस लौट पड़े. वापसी में हवा का रुख हमारी तरफ था, इसलिए बोट हिचकोले लेने लगी. मैं एकदम आगे जाकर लहरों की उछलकूद का आनंद लेता रहा.
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