दुनिया की खूबसूरती जीव-जंतुओं से, इन्हें प्यार चाहिए

 


सभी जीव-जंतु ईश्वर के बनाये हुए हैं। सभी जीवों को दया चाहिए। सभी जानवर दया के पात्र हैं, चाहे वे कैसे भी दिखते हों। दया और प्रेम से ही जीवन बेहतर होता है। दुनिया भर में अक्टूबर के पहले सात दिन जानवरों के प्रति दयालुता सप्ताह के रूप मनाये जाते हैं। पशु-पक्षियों की भलाई के लिए हर साल इसी बीच विश्व पशु दिवस भी मनाया जाता है। इस अवसर पर पशुओं के प्रति दयालुता और उनकी भलाई के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

कैसे मदद कर सकते हैं पशुओं की?

पशुओं के प्रति दयालुता के अभियान में हर कोई अपने-अपने तरीके से योगदान कर सकता है, जैसे कि प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बंद करके। पॉलिथीन की जगह पर्यावरण हितैषी मैटीरियल के थैले प्रयोग किये जा सकते हैं। बेकार भोज्य पदार्थों की कम्पोस्ट खाद बनायी जा सकती है।

जॉय फॉर एनिमल्स की सह-संस्थापक सीमा कहती हैं कि दिल में प्रेम और दया की भावना रखिए, फिर आपको खुद-ब-खुद समझ आता जायेगा कि कैसे अपने आसपास के जीव-जंतुओं को बेहतर महसूस कराया जा सकता है। बेघर डॉग्स और पक्षियों के लिए घर के बाहर पानी से भरे बर्तन रखें। भूखे जीव-जंतुओं को भोजन दें। मनोरंजन या पर्यटन की ऐसी गतिविधियों का बहिष्कार करें, जिनमें पशुओं का शोषण होता हो। कहीं भी पशुओं के साथ दुर्व्यवहार होता देखें, तो विरोध करें, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करें और पुलिस में रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया पर पशु अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठायें। जागरूकता पैदा करने वाली सामग्री पोस्ट करें।

अपने पालतू डॉग या बिल्ली के लिए खिलौने ला सकते हैं। उन्हें टहलाने ले जायें। जानवरों से बात करें, उन्हें प्रेम से सहलायें, थपथपायें। यदि आपके पास पैट न हो, तो पड़ोसी के पैट के साथ प्रेम का व्यवहार कर सकते हैं। जानवर खुश रहेंगे, तो हम-आप भी खुश रहेंगे।

शाकाहारी भोजन अपनाएं

किताबों, डॉक्युमेंटरी या गूगल के जरिए जानवरों के बारे में जानकारी बढ़ायें। राह चलते किसी घायल वन्यजीव की मदद के लिए अपने वाहन में मेडिकल किट लेकर चलें। शाकाहारी भोजन करें। ऐसे वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन या वस्तुएं न खरीदें, जो पशुओं पर अत्याचार या परीक्षण से बनी हों। क्षेत्रीय सांसद या अखबार को पशु कल्याण के बारे में ईमेल या पत्र लिखें। जीव-जंतुओं या मधुमक्खियों को उचित वातावरण प्रदान करने के लिए आसपास हर्बल या फूलों के पौधे लगाएं। किसी पशु अधिकार आंदोलन में हिस्सा लें। जीव-जंतुओं की मदद हेतु समुद्र तट, पार्क या झील की सफाई में भाग लें। जरूरतमंद डॉग या पैट को गोद लें, उसकी देखभाल करें।

बच्चों को शरीक करने की जरूरत

पर्यावरण विशेषज्ञ एवं विचारक, डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि जंगल, वनस्पतियों और जीवों की परवाह करने के लिए बचपन से ही जानवरों के प्रति प्रेम पैदा करने की जरूरत है। बच्चों को पक्षियों, तितलियों और जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्राकृतिक गतिविधियों में शरीक किया जा सकता है। अभी पशु संरक्षण की योजनाएं सिर्फ बड़े और करिश्माई जानवरों, जैसे कि हाथी, बाघ, शेर और ज़ेबरा आदि लिए ही बनायी जाती हैं, जोकि एक पक्षपातपूर्ण रवैया है। इनमें छोटे व साधारण जीवों की चिंता शामिल नहीं रहती। दवाओं या रोगों संबंधी प्रयोगों के लिए भी जीवित जानवरों की जगह उनकी कोशिकाओं से प्रयोग किये जा सकते हैं।

जागरूकता बढ़ाने का अवसर


पशु-कल्याण कार्यकर्ता कावेरी राणा भारद्वाज कहती हैं कि पशु दया सप्ताह इस तथ्य की याद दिलाता है कि जानवर किस तरह से हमारे जीवन को खूबसूरत और बेहतर बनाते हैं। इस मौके पर, हम सभी को पशु कल्याण और पशु अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए। इसे एक तरह से 'पशु प्रेमी सप्ताह' भी कहा जा सकता है, क्योंकि इससे जानवरों के प्रति प्रेम, देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। इस बहाने प्रशु प्रेमी लोग और संगठन एकजुट होते हैं, जिससे पशु अधिकारों के काम में तेजी आती है। इस अवसर पर हम उत्तराखंड में अपने सीनियर डॉग्स होम के शुभारंभ की घोषणा करते हैं, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद जानवरों को एक बसेरा प्रदान करना है।

पशुओं के प्रति दया हमारी जिम्मेदारी

जो शख्स पशुओं के साथ क्रूरता करता है, वह मनुष्यों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा कहते हैं कि "खेल के लिए, आनंद के लिए, रोमांच के लिए और खाल अथवा फर के लिए जानवरों को मारना एक घृणित और परेशान करने वाला काम है। क्रूरता के ऐसे कृत्यों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।" हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर का कहना है कि "पृथ्वी के संरक्षक के रूप में, सभी प्रजातियों के साथ दया, प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना हमारी ज़िम्मेदारी है। इन जानवरों के प्रति क्रूरता समझ से परे है। इस पागलपन को रोकने में मदद करिये।"

- नरविजय यादव

संपर्क सूत्र: narvijayindia@gmail.com

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