कैलाश खेर को पसंद है जीरा-आलू की सब्जी और अरहर की दाल


कैलाश खेर बॉलीवुड के ही नहीं, आध्यात्मिक एवं सूफी गायन के क्षेत्र में भी भारत के सर्वोच्च सितारों में से एक हैं। अपनी बुलंद और दिलकश आवाज़ से वह वातावरण में एक उच्च स्तर की ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हैं। उनकी आवाज़ बाकी सब गायकों से एकदम अलग है। वह भगवान शिव के परम भक्त हैं। मंच पर प्रस्तुति देते समय वह अक्सर एक डमरू साथ रखते हैं, जो भगवान शिव को प्रिय है। 

उनके बैंड का नाम कैलासा है और कैलाश पर्वत पर शंकर जी का वास है, यह सर्वविदित है। कैलाश जी एक आध्यात्मिक कलाकार हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पसंद करते हैं। देश-विदेश के अनेक उत्सवों में कैलाश खेर और प्रधानमंत्री मोदी को प्राय: एक ही मंच पर साथ देखा गया है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव का महाशिवरात्रि उत्सव हो अथवा ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन का अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, शिव का आह्वान कैलाश जी की मधुर आवाज़ से ही होता है।

मेरा सौभाग्य है कि मुझे कैलाश खेर जी का सान्निध्य और स्नेह प्राप्त है। दैनिक भास्कर में मेरे पूर्व सहकर्मी अजय गर्ग मुंबई में पत्रकारिता के दौरान कैलाश जी का इंटरव्यू लेने उनके घर पहुंचे और जब मेरा जिक्र आया तो बता रहे थे कि "कैलाश जी ने आंखें बंद कर लीं, ऊपर की ओर देखा और बोले - नरविजय जी एक खूबसूरत आत्मा हैं।" मुंबई में एक बार जब हम उनके कार्यालय में गये थे, तो उन्होंने संदेश भिजवाया कि नरविजय से हम दफ्तर में नहीं, घर पर ही मिलेंगे, उन्हें घर ले आइए। जाहिर है उनसे उनके घर पर हुई भेंट सदैव मेरी स्मृतियों में रहेगी।

कैलाश जी से मेरा परिचय मेरे तीन दशक के साथी और बॉलीवुड में पीआर के महारथी हरीश शर्मा जी के मार्फत हुआ। कैलाश जी चंडीगढ़ अनेक बार आये और मुझे उनका पीआर संभालने का दायित्व भी मिला। वह न सिर्फ शुद्ध शाकाहारी हैं, बल्कि होटल का खाना तक नहीं खाते हैं। उन्हें जीरा-आलू की सब्जी और अरहर की दाल पसंद है। उनके भोजन की व्यवस्था कई बार मेरे जिम्मे रही। कुछ बार खाना मेरे घर से गया, तो कुछ बार हमने अपने मित्रों के घर पर उनके भोजन की व्यवस्था की। 

हिंदुस्तान टाइम्स की पूर्व फीचर संपादक व 'डे एंड नाइट' टीवी चैनल की फीचर एडीटर बलप्रीत कौर जी से भी एक बार हमने जीरा-आलू और चपाती की मांग कर दी थी, क्योंकि मेरा परिवार बाहर गया हुआ था। उनका फोन आया कि कैलाश खेर का इंटरव्यू करना है। मैंने शर्त रख दी कि इंटरव्यू हो जायेगा, लेकिन आपको अपने घर से जीरा-आलू की सब्जी और चार चपाती लानी होंगी। स्टूडियो में कैलाश जी का इंटरव्यू लेने से पहले उन्होंने मुझे एक चंल बॉक्स पकड़ा दिया। जाहिर है, हम सब मुस्करा रहे थे।

कैलाश जी को जब हमने बताया कि डिजिटल पीआर में हम एक नयी शुरुआत करने जा रहे हैं, जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रयोग है, तो उन्होंने एक वीडियो के जरिये हमें अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। हम कैलाश जी के आभारी हैं। पांच अगस्त को अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि के शिलान्यास के अवसर पर उन्होंने अपना एक विशेष गीत रिलीज किया - 'राम ही पार लगावेंगे'।

narvijayindia@gmail.com

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