तालियां बजा बजा कर लेते हैं शिक्षा

दलाई लामा मंदिर। धरमशाला के पास मैक्लोडगंज में। सीक्योरिटी चैक के दौरान चटाक-चटाक आवाजें आयीं। लगा कोई कुश्ती जैसा खेल चल रहा है। जिज्ञासा अंदर पहुंच कर शांत हुई। 

मंदिर ग्राउंड में बीसियों बौद्ध भिक्षु एक-दूसरे के सामने खड़े होकर तिब्बती भाषा में कुछ बहस कर रहे थे। कुछेक सेकंड मंत्र सा पढ़कर खड़ा भिक्षु बैठे साथी के चेहरे के पास जोर से ताली बजा रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो वो हमला कर रहा हो। 

धार्मिक वाद-विवाद की यह तिब्बती परंपरा है। कुछ महिला भिक्षु भी ऐसा कर रही थीं। अनेक विदेशी तिब्बती भिक्षु भी इस रिचुअल में शामिल थे। काफी तामझाम के साथ एक विदेशी फिल्म टीम भी वहां इस सब की शूटिंग कर रही थी। दिलचस्प नजारा था। मैं वहां कोई दो घंटे तक रहा। मेरे लिए यह सब अजीब था। अच्छा लगा।



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